मस्त Non Veg Shayari

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Mast Non Veg Shayari

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द्वारा प्रकाशित RASVANTI18PLUS
6 महीने पूर्व
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हस्तिनी नारी एक कामो काव्य आप सभी जानते हैं कि कामसूत्र में जो हमारे भारतिये कामसूत्र है उसके सबसे जो टॉप लेवल का अरत होता है उसे कहते हैं हस्तिनी उसे के उपर ये काव्य परिवेशन कर रहा हूं।

उम्हीरे आपको पसंद आएगी पसंद आएँ तो लाइक जरूर कीजिए शुरू करता हूं।

हस्तिनी नारी तेरी चाल मदमस्त हस्तिनी सी हरले में बहे गीत रस भरी सी नयन कटाक्श जैसे बिजलिया गिराएं अंग अंग से प्रेम सुधा बरसार।

भरे योवन का मादक आलिंगन हर मोड पे मधुरिमा का निमंत्रन कमर की लहर में सागर का ज्वार हातों की चुवन में अगनी अपार।

तेरी बाहें कंचन की बेल सी लिपड़ती सांसों में मद अधनों से सुधा टपकती आया है।

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